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Switch kya hai – स्विच क्या है, कैसे काम करता है?
Switch kya hai ? क्या आप जानते हैं स्विच क्या है ? स्विच एक नेटवर्किंग उपकरण हैं जो एक नेटवर्क में सभी उपकरणों ( Devices ) को आपस में जोड़ता हैं जिससे सभी उपकरण आपस मे इनफार्मेशन को साझा कर सके।
आज के दौर में नेटवर्क एक बहुत बड़ा व्यवसाय बन गया हैं बड़े-बड़े कम्पनियां अपने ब्रांड्स की मार्केटिंग के लिए नेटवर्क पर निर्भर रहती है। नेटवर्क आज इनफार्मेशन प्रदान करने के लिए या फिर मनोरंजन प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। इनफार्मेशन को साझा करने के लिए नेटवर्क में बहुत सारे उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है इनमें से एक उपकरण है जिसको Switch कहते है इसकी मदद से नेटवर्क डिवाइस ( उपकरण ) आपस में एक दूसरे से जुड़ते है।
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स्विच नेटवर्किंग में एक ऐसा उपकरण हैं जो नेटवर्क में जुड़े सभी प्रकार के उपकरणों ( Network Devices ) को आपस में एक दूसरे से जोड़ता हैं। यह OSI Model की लेयर-2 पर काम करता है जिसे Deta link Layer कहते है। Switch में पोर्ट्स ( Ports ) होते है जिसमें सभी उपकरण Cables ( तारो ) के माध्यम से जुड़े होते हैं। इससे जुड़े हुए डिवाइस आपस मे इनफार्मेशन भेजने के लिए डेटा को पैकेट्स के रूप में भेजते है।
स्विच के पास कुछ मेमोरी भी होती हैं जिसमें पोर्ट्स नंबर और डिवाइस के MAC Address लिखे होते है जिससे स्विच आसानी से डेटा को सही जगह पर भेजता हैं।
कुछ Switch हब ( Hub ) के जैसे भी होते हैं परन्तु Hub स्विच को तुलना में अलग हैं दोनों की कार्यप्रणाली एक ही पर हब स्मार्ट कार्य नहीं कर सकते हैं इसकी तुलना में स्विच एक स्मार्ट डिवाइस हैं।
जैसा की हमने जाना स्विच में पोर्ट्स होते है किसी में 8 तो किसी-किसी में 12 से लेकर 48 या उससे भी अधिक पोर्ट्स होते हैं। इन पोर्ट्स में Cables के माध्यम से नेटवर्क डिवाइस जैसे सर्वर, कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर आदि डिवाइस कनेक्ट होते हैं। जब भी कोई डिवाइस स्विच से जुड़ते है तब स्विच उस डिवाइस का Mac Address और पोर्ट नंबर को अपनी मेमोरी में रखते हैं।
यह Mac address का उपयोग यह जानने के लिए करते हैं की कौन सी डिवाइस डेटा पैकेट्स को भेज रही हैं और किस को भेज रही हैं। मैक एड्रेस एक विशेष एड्रेस होता है जो हर डिवाइस का अलग-अलग होता हैं इसलिए मैक एड्रेस नेटवर्क मे डिवाइस की पहचान करता हैं।
जब कोई डिवाइस किसी अन्य डिवाइस से बात करना चाहता है तो वह उस डिवाइस को पैकेट्स भेजता हैं तब वह पैकेट्स स्विच को मिलता है। पैकेट्स में कुछ जानकारी होती हैं जिसे स्विच पढता हैं और निर्धारित करता हैं की पैकेट्स के साथ क्या करना हैं। पैकेट्स में मैक एड्रेस भी रहता हैं जिसकी मदद से स्विच पैकेट्स को उचित डिवाइस को भेजता हैं।
Switch लेयर 2 पर काम करते हैं पर कुछ स्विच लेयर 3 पर भी काम करते हैं। लेयर 3 स्विच नेटवर्क उपकरण के लिए VLAN जिसे Virtual LAN भी कहते हैं का सेट-अप करते हैं जिससे ये कुछ हद तक Router की तरह भी काम करते हैं।
स्विच एक नेटवर्क को बनाने में एक विशेष उपकरण के तौर पर इस्तेमाल होता हैं। मार्किट में बहुत सारे Switch उपलब्ध हैं जिनकी अलग-अलग कॉन्फ़िगरेशन और विशेषताएं हैं। Switch के कुछ प्रकार हैं जो निम्नलिखित हैं।
आइये इनके बारे मे विस्तार से जानते है।
इस प्रकार के स्विच को आमतौर पर छोटे ऑफ़िस या कंपनियों या फिर घर के काम में इस्तेमाल किया जाता हैं। ये बाक़ी स्विच की तुलना में सस्ते होते है। इस प्रकार के स्विच को मॉनिटर नहीं किया जा सकता है क्युकि इनको एक जगह से मैनेज नहीं कर सकते है। इनको आपस मे भी जोड़ा जा सकता है जिससे बड़ा नेटवर्क भी बनाया जाता हैं परन्तु अगर नेटवर्क मे कुछ प्रॉब्लम होती हैं तब उसे ठीक कर पाना बहुत कठिन हो जाता है।
अगर कोई एक Unmanaged Switch हैं जिस पर 48 Ports हैं यदि इन 48 Ports में सभी कम्प्यूटर्स और लैपटॉप्स cables की मदद से जुड़े हैं तब इस परिस्थिति मे कौन सा cable किस कंप्यूटर के लिए हैं यह पहचान लगाना जटिल हैं। हाँ, आप केबल्स पर कोई स्टीकर लगा कर इसकी पहचान कर सकते हैं।
इस प्रकार के स्विच को मॉनिटर किया जा सकता है। इस प्रकार के स्विच नेटवर्क को मजबूत और सुरक्षा प्रदान करते है। इनमें सॉफ्टवेयर इनस्टॉल होता है जिसे कॉन्फ़िगर किया जाता है। Managed Switch को console cable की मदद से कंप्यूटर से ओपन किया जाता है। इनमें पोर्ट्स को मॉनिटर किया जाता है इन पोर्ट्स पर नाम व description भी दिया जा सकता है जिससे नेटवर्क पर किसी भी उपकरण की पहचान किया जा सकता है।
इन स्विच को मैनेज करने के लिए कुछ बेसिक फंक्शन होते है। यह स्विच बाकी की तुलना में सरल और इनका इंटरफ़ेस भी काफी अच्छा होता हैं इनकी मदद से VLAN को भी बनाया जा सकता है। इनमें gigabit ports की मदद से नेटवर्क को और भी गतिशील बनाया जाता है।
इस प्रकार के Switch को web browser की मदद से भी ओपन किया जा सकता है, इन्हें कमांड लाइन से भी मैनेज कर सकते है। इन Switches में इंटरफ़ेस की मदद से नेटवर्क कॉन्फ़िगरेशन किया जाता है। यह पूरी तरह से Managed Switch होते हैं इनमें Advanced कॉन्फ़िगरेशन भी होती है। इनका ज़्यदातर उपयोग बड़ी कंपनियां में किया जाता है।
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एक लोकल एरिया नेटवर्क ( LAN ) पर सभी नेटवर्क उपकरणों को जोड़ने के लिए इन्हें इस्तेमाल किया जाता है इन्हें Ethernet Switch और लोकल switch भी कहते है। यह बैंडविड्थ को सभी को समान मात्रा में भेजते है जिनसे नेटवर्क पर कोई ओवरलैपिंग का खतरा नहीं रहता है।
PoE का पूरा नाम Power over Ethernet हैं। कुछ ऐसी तकनीक होती है जिनको इंटरनेट ( Cables ) के माध्यम से पावर मिलता है इन तकनीकों में PoE स्विच का उपयोग किया जाता है अथार्त PoE स्विच का इस्तेमाल PoE तकनीक के लिए किया जाता हैं।
नेटवर्क स्विच और नेटवर्क राउटर में क्या अंतर हैं?
नेटवर्क स्विच एक नेटवर्क में सभी नेटवर्क उपकरणों को आपस में जोड़ता हैं जबकि नेटवर्क राउटर दो अलग-अलग प्रकार के नेटवर्क को आपस में कनेक्ट करता हैं।
नेटवर्किंग में 4 प्रकार के स्विच कौन-कौन से हैं?
Managed Switch.
Unmanaged Switch.
Smart Switch.
PoE Switch.
लेयर 2 स्विच क्या है?
लेयर 2 स्विच वह स्विच हैं जो OSI Model के लेयर 2 Deta Link लेयर पर काम करता हैं यह मैक एड्रेस का डेटा अपने मेमोरी पर रखता हैं।
स्विच हब से बेहतर क्यों है?
स्विच एक स्मार्ट डिवाइस हैं जो नेटवर्क पर जुड़े सभी डिवाइस का मैक एड्रेस का देता अपनी मेमोरी पर रखता हैं जबकि हब स्मार्ट डिवाइस की तरह काम नहीं करता हैं यह डेटा पैकेट्स को ब्रॉडकास्ट करता हैं जिससे नेटवर्क बंद या धीमे काम करने लगता हैं।
क्या राउटर एक स्विच के रूप में कार्य कर सकता है?
हाँ, राऊटर की कॉन्फिग्रेशन को चेंज कर स्विच की तरह काम किया जा सकता हैं।
हब या स्विच कौन तेज है?
स्विच हब की तुलना में तेज कार्य करता हैं।
आशा करते हैं की आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी।आप हमें अपने सुझाव और शिकायत के लिये नीचे कमैंट्स बॉक्स मैं जानकारी दें सकते हैं।
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