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बिटकॉइन क्या है- क्यों यह सबसे लोकप्रिय और दुनिया की सबसे पहले क्रिप्टोकरेंसी हैं? आइये Bitcoin क्या है इन हिंदी के इस ब्लॉग में जानते हैं

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बिटकॉइन क्या हैबिटकॉइन क्या है

बिटकॉइन क्या है -Bitcoin बिटकॉइन क्या है इन हिंदी

बिटकॉइन क्या है– क्यों यह सबसे लोकप्रिय और दुनिया की सबसे पहले क्रिप्टोकरेंसी हैं? आइये बिटकॉइन क्या है इन हिंदी के इस ब्लॉग में जानते हैं की Bitcoin वास्तव में क्या हैं। 

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एक ऐसी चीज जिसकी कीमत आज से बारह वर्ष पहले जीरो थी और आज इसकी कीमत लगभग 40 लाख से भी ऊपर हैं हम बात कर रहे हैं बिटकॉइन की जिसकी कीमत साल दर साल बढ़ते ही जा रही हैं। Bitcoin एक डिजिटल मुद्रा ( Online Money ) हैं जिसके ऊपर किसी भी बैंकिंग विभाग और सरकार का कोई नियंतरण नहीं रहता हैं जैसे की इंडियन रुपये को रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया और अमेरिकन डॉलर को अमेरिका का सेंट्रल बैंक नियंतरण करता हैं या चलाता हैं ठीक इसके विपरीत बिटकॉइन या क्रिप्टोकरेंसी को कोई भी देश या संगठन नहीं चलाते हैं यह स्वतंत्र हैं।

यह एक आभासी मुदरा अथार्त वर्चुअल मनी हैं जिसका वास्तव में कोई अस्तित्व नहीं हैं आप इसे हाथ से नहीं छू सकते हैं क्यकि यह एक ऑनलाइन मनी हैं आपको सिर्फ आभास हैं की आपके पास एक बिटकॉइन हैं जो की आपके बिटकॉइन डिजिटल वॉलेट एप में हैं। बिटकॉइन को आप वास्तविक दुनिया की मुद्रा से जैसे रुपया डॉलर आदि से बदल सकते हैं।

बिटकॉइन सिस्टम को समझने से पहले क्रिप्टोग्राफी क्या हैं इसे समझ लेते हैं। क्रिप्टोग्राफी एक बहुत ही सुरक्षित तकनीक हैं जिसकी मदद से किसी भी साधारण टेक्स्ट को एल्गोरिथम की मदद से एन्क्रिप्ट ( encrypt ) किया जाता हैं और बिना किसी कुंजी के इसे डिक्रिप्ट ( decrypt ) नहीं किया जा सकता हैं।

Cryptography शब्द में Crypto का मतलब ही “छुपा हुआ या रहस्य” होता हैं। बिटकॉइन Blockchain तकनीक पर काम करती हैं। बिटकॉइन कैसे काम करता हैं इसे पूरी तरह से समझने के लिए बहुत ही एडवांस मैथमेटिक्स और कंप्यूटर साइंस की समझ होना अनिवार्य हैं। 

Bitcoin कंप्यूटर एल्गोरिथम और सॉफ्टवेयर से मिलकर Blockchain तकनीक पर बना एक सिस्टम हैं । इस सिस्टम में बहुत सारे सर्वर और कंप्यूटर हैं जो कि को दुनिया के अलग अलग देशो के डेटासेंटरों में होते हैं। सारे Bitcoin ट्रांसक्शन का एक पब्लिक खाता होता हैं इसे ledger कहते हैं। इस खाते की एक एक कॉपी हर एक सिस्टम में होती हैं जो भी इस Bitcoin सिस्टम से जुड़े हैं अथार्त जब भी कोई बिटकॉइन खरीदता हैं या बेचता हैं तब उस ट्रांसक्शन की कॉपी हर एक सिस्टम के पास ब्लॉक के रूप में संग्रहित हो जाती हैं।

उदाहरण के तौर पर अगर, किसी वयक्ति को किसी दूसरे वयक्ति के अकाउंट में कुछ बिटकॉइन भेजने हैं तब बिटकॉइन सिस्टम को चलाने वाले लोग इस ट्रांसक्शन का सत्यापन करेंगे की उनके अकाउंट में कॉइन हैं या नहीं इसके लिए वे लोग एक बहुत ही कठिन गणितीय समीकरण को हल करेंगे जिससे यह पता लगाया जा सके की बेचने वाले वयक्ति के पास पर्याप्त मात्रा में कॉइन हैं अगर सब सही हैं तब नेटवर्क में जुड़े सभी सिस्टम इसकी पुष्टी करेंगे हैं और ट्रांसक्शन को चैन में जोड़ देंगे जिससे इसका ब्लॉक बन जाता हैं इसीलिए इसे ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी कहते हैं। 

पूरी दुनिया भर में अब तक केवल 21 मिलियन बिटकॉइन हैं एक नया बिटकॉइन बनाना ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी में काफी कठिन काम हैं या यह कह सकते हैं की नामुकिन है ऐसा माना जाता हैं इस कड़ी में जो नया बिटकॉइन जुड़ेगा वो सन 2040 तक बनेगा तब तक 21 मिलियन ही बिटकॉइन रहेंगें।

बिटकॉइन को 3 जनवरी 2009 में जापान के एक व्यक्ति जिनका नाम Satoshi Nakamoto ने बनाया था हालाँकि अभी भी इस नाम के बारे में कोई नहीं जानता की इस नाम का कोई इंसान भी है या नहीं। 31 ऑक्टूबर 2008 को Satoshi Nakamoto नाम से इंटरनेट पर एक डॉक्यूमेंट डाला गया था जिसमें लिखा गया था की एक ऐसा ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम जिसमें एक आदमी से दूसरे आदमी को भेजा गया पेमेंट बिना किसी फाइनेंसियल इंस्टीटूशन के मान्य हैं । Cryptocurrency और Bitcoin ऑनलाइन संपत्तियां हैं जिसके ऊपर किसी भी सरकार और कोई भी बैंकिंग विभाग का कोई नियंत्रण नहीं रहता हैं।

वास्तविक दुनिया की मुद्रा जैसे रूपये डॉलर दीनार आदि इन सब की इसलिए कीमत हैं क्युकि ये किसी ना किसी फाइनेंसियल इंस्टीटूशन से मान्य हैं जैसे भारत के रुपये के नोट पर लिखा होता हैं कि ” में धारक को 100 रुपये अदा करने का वचन देता हु ”  और जिसके नीचे रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं अथार्त RBI के गवर्नर 100 रुपये की गारंटी और वचन दे रहे हैं अगर इस नोट पर कोई हस्ताक्षर नहीं हैं तब यह एक मामूली पेपर के बराबर हैं। 

जब आप बैंक में पैसे जमा करते हो जैसे FD ( Fixed Deposit ) या अकाउंट पर पैसे जमा करते हैं तब आप अपना पैसा सीधा बैंक को दे रहे हैं आपके पैसों पर बैंक कुछ भी कर सकते हैं वो इन पैसों को कही पर लगाते हैं सरकारी बांड्स खरीद सकते हैं मार्किट में या किसी चीज के निर्माण में लगा सकते हैं जिनसे उनको अच्छा ब्याज ( Interest ) मिलता हैं और उसमे से ही कुछ ब्याज वो आपको देते हैं अथार्त यह कह सकते हैं की आपके ही पैसों पर आपका अधिकार नहीं रह जाता हैं इसीलिए Satoshi Nakamoto एक ऐसा ऑनलाइन पेमेंट बनाना चाह रहे थे जो स्वतंत्र हो जिस पर किसी का अधिकार ना हो। 

इसके कुछ नुकसान भी हैं जिनका उल्लेख नीचे किया गया है।

बिटकोइन को कैसे खरीदे?

जिस तरह से आप शेयर मार्किट में ट्रेडिंग करते हैं ठीक उसी तरह से आप बिटकॉइन में ट्रेडिंग कर सकते हैं इसके लिए बहुत सारे एप्लीकेशन और वेबसाइट हैं जिनमें कुछ लोकपिरय ऐप Wazirx और Coinbase हैं।

बिटकॉइन कौन से देश की करेंसी है?

इसको किसी देश की करेन्सी नहीं कहा जा सकता हैं क्युकि इसको कोई भी खरीद और बेच सकता हैं वैसे यह जापान के किसी वयक्ति द्वारा बनाया गया हैं।  

बिटकॉइन का मालिक कौन है?

इसको जापान के व्यक्ति जिनका नाम Satoshi Nakamoto ने बनाया था इसकी शुरआत Digital Cryptocurrency Bitcoin के रूप में की थी।

क्या बिटकॉइन भारत में वैध है?

भारत सरकार ने कोई भी Cryptocurrency को मंजूरी नहीं दी हैं यह अभी तक यह भारत में लीगल नहीं हैं लेकिन यह ऑनलाइन करेंसी हैं जिसको कोई भी खरीद और बेच सकता हैं।  

1 बिटकॉइन में कितने सतोशी होते हैं?

एक बिटकॉइन 100 करोड़ सातोशी को मिलाकर बनता हैं। इसकी सबसे छोटी इकाई को सातोशी कहते हैं। 

आशा करते हैं की आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी।आप हमें अपने सुझाव और शिकायत के लिये नीचे कमैंट्स बॉक्स मैं जानकारी दें सकते हैं।

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